मैने पीना कब सीखा था?
मैने जीना कब सीखा था?
एक बोतल जो टूट गयी,
तो महफ़िल सारी रूठ गयी॥
ये दुनिया एक महफ़िल है
और हम इसके मेहमाँ हैं,
हैं कुछ साक़ी और कुछ आशिक़
उम्मीदें हैं,कुछ अरमाँ हैं॥
आज अगर कुछ शब्द बहे,
तो आखिर दिल से कौन कहे,
प्यार वफ़ा कसमें और वादे
अब इनकी पीड़ा कौन सहे?
पीड़ा को इतिहास बता कर
पीना मैने अब सीखा है।
शायद लोग और कुछ कह दें
पर जीना मैने अब सीखा है
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1 comment:
dilipji kya mara haiiiiiiiiii mast
realy nice maine kab pina sikha tha
thnx
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